राजीव मित्तल
फलाना गिरफ्तार, ढिमाका फरार, वो सींखचों के पीछे, तो इनकी जमानत खारिज-यह है बिहार विधानसभा चुनाव की लोकलुभावनी तस्वीर। आपका एक वोट चुनाव में जिन-जिन को जिता कर विधानसभा भेजता है और वहां बिसात बिछा कर आपकी जिंदगी को तीन पत्ती की तरह फेंटा जाता है तो आपको कैसा लगता है? एई, उन गंवार लोगों से क्या पूछता है इधर को आ हम बताएं। किनको अपराधी कहते हो तुम? अपराधी की परिभाषा जानते हो? अपराधी वो जिन पर अपराध साबित हो जाए। यहां क्या अपराध होता है जी, अपराध जाकर देखना है तो ग्वातेमाला जाओ, शिकागो जाओ, मनीला जाओ, कांगो जाओ-अपराध वहां होता है।
यहां तो ये सब आपस की दुश्मनी में फंसा दिये गए हैं। अगर ये अपराधी हैं तो पुलिस क्या कर रही थी अब तक। जी, वो, पांच साल में 19 हजार की हत्या कश्मीर में आतंकवाद के बावजूद ज्यादा संख्या नहीं लगती? और जो 84 हजार हर साल सड़क पर टें बोल जाते हैं वो क्या है, सुनामी में इतना लाख लोग मरा हमने कुछ कहा, उस लुच्चे बुश ने इराक में कितने हजार को मार डाला हमने कभी जिक्र किया, बेबिलोन के बगीचे को बंजर बना दिया हमने उफ भी की, चार साल पहले लादेन के आदमियों ने इत्ती ऊंची-ऊंची बिल्डिंगें गिरा दीं, उसमें सैर कर रहे न जाने कितने सैंकड़ों लोग मारे गए हमने तो बगल वाले को भी कुछ नहीं कहा, तो आपको यहीं क्यों यह सब दिखायी देता है? बिहार बुद्ध-महावीर की धरती है।
गांधी जी इत्ते दिन रहे, उनका बाल भी बांका नहीं हुआ यहां। शेर खां यहीं से गया और शेरशाह बन कर पूरे देश पर राज्य किया। मुगलों की थैया-थैया बुला दी उसने। लेकिन आजाद भारत के आजाद बिहार का अब उन बातों से क्या मतलब? यहीं तो आपकी टुईं बोल गयी न! अरे, बगैर भूतकाल के कैसा वर्तमान और कैसा भविष्य! देखिये राज्य में आज 50 कम पांच सौ गिरोह लोगों की हत्याएं करते घूम रहे हैं....रुकिये, हम आपको असलियत बताएं। वो सब अगल-बगल के राज्यों से आकर खून-खराबा करते हैं और इल्जाम पोत देते हैं हमारे इन लड़कपन्नों पर। काक भुशुण्डि जी का मूड ऑफ हो चुका था। वो गुर्राये-क्या टर्र-टर्र लगा रखी हैं इतनी देर से आयं! टिकट मिलने की खुशी में आज जेल में ही वो सबको मिठाई बांट रहे हैं दो ठो खाते आना और दो लेते आना। वो हमारे जनप्रतिनिधि हैं, कल मंμाी होंगे। उनकी इज्जत करना सीखो।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें