शुक्रवार, 12 नवंबर 2010

तंदरुस्त लोकतंत्र

राजीव मित्तल
स्टूडियो में ‘लोकतंत्र के पहरेदार’ कार्यक्रम में आज कुछ विदेशी मेहमान भी हाजिर हैं। उनमें एक मोजाम्बिक डिमोलिशन पार्टी के महासचिव, तो दूसरे कोलम्बिया नारकोटिक्स लिबरल फ्रंट के अध्यक्ष हैं।

दर्शकों को दोनों विदेशी नेताओं का परिचय कराने के बाद काकभुशुण्डि ने पहला सवाल मोजाम्बिक नेता से किया-आपके देश में लोकतंत्र इतना सबल कैसे हो गया और वह भी इतनी जल्द? मिस्टर टलाकू होप ने थोड़ी खूं खा कर गला खंखारा और बोले-मिस्टर कैकै....तभी काक के सामने रखे डिब्बे की लाल बत्ती जल उठी। काक ने फौरन उन्हें चुप रहने का इशारा किया और डिब्बे की तरफ मुखातिब होकर बोले- हां, गुरुड़ बोलो क्या खबर है? काके सर, अभी-अभी कुछ लोगों में मारपीट हो गयी है, काफी तनाव है। कहां, पान की दुकान पर? नहीं काके, एक राजनैतिक पार्टी के दफ्तर में। इतनी छोटी सी बात के लिये डिस्टर्ब कर रहे हो? पार्टी दफ्तर में यह तो होता ही रहता है । तुम जानते नहीं कि कितना इम्पोर्टेंट प्रोग्राम चल रहा है यहां।

सर जी सुनो तो, हाथापई टिकटों को लेकर हो रही है। तो, इसमें कौन सी खास बात है? कोई और खबर तलाश करो। भाई मेरे, लाइन मत काटो, यह बवाल टिकट लेने को नहीं टिकट वापस करने के लिये हो रहा है। क्या? फिर से बोलो। हां, काके, मां कसम बिल्कुल यही हो रहा है। लेकिन उम्मीदवार टिकट वापस क्यों कर रहे हैं? उनका कहना है कि उन्हें एक नहीं दो टिकट चाहिये, ताकि एक जगह से हार भी जाएं तो दूसरा काम आए। लेकिन यह राज्यसभा का नहीं विधानसभा का चुनाव है। कोई पार्टी अपने हर उम्मीदवार को दो-दो सीटों पर कैसे खड़ा कर देगी, यह सुविधा तो केवल मुख्यमंμाी या पार्टी अध्यक्ष के लिये है।
यही तो मैं आपको समझाना चाह रहा हूं कि उनमें कई मुख्यमंμाी पद की दावेदारी कर रहे हैं तो कई प्रदेश पार्टी अध्यक्ष की। पार्टी आलाकमान का क्या कहना है गरुड़? तुमने किसी का इंटरव्यू किया? सर, इंटरव्यू देने वाला क्या मेरे सामने खड़ा है, सब भाग कर छत पर चढ़े हुए नीचे झांक रहे हैं। सीढ़ियों के दरवाजे पर ताला मार दिया है। किसी के चोट भी आयी है? अरे, चोट की कह रहे हो, सबके कपड़े फटे हुए हैं। दो-एक की तो धोती तक उतर गयी। किसी का माथा फट गया, किसी के गाल लाल हुए पड़े हैं। एक पहलवान छाप उम्मीदवार ने तो एक बड़े नेता को ऐसा पटका कि उसे तीन लोगों को उठा कर ले जाना पड़ा।
छत पर से हया मरा की आवाजें आ रही हैं। कैमरे में है सारा माल। तो कैमरामैन को बोलो कि सारी आवाजें भी रिकार्ड कर ले। वक्त पर काम आएंगी। और तुम वहां से हिलना मत। मैं यहां से दो-चार को और भेज रहा हूं। डिब्बे की बत्ती फिर हरी हो गयी। काक विदेशी मेहमान की तरफ हुए मुखातिब हुए-सॉरी मिस्टर होप, आप कुछ कह रहे थे! लेकिन दोनों विदेशी एकाएक खड़े हुए और बोले-अब हम क्या बोलें मिस्टर कैकै। हमारे पास कहने को कुछ नहीं है। बस आप हमें आज की इस घटना की फुटेज भिजवा दें प्लीज। हम अपने देश में इसे दिखाना चाहेंगे।

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