बुधवार, 1 अप्रैल 2020

हे भगवान, ऐसी नामुराद जनता किसी को न दे


अपने मुल्क में यह पहली सरकार है, जो जनता को उखाड़ फेंकने की स्थिति में पहुँच गई है..

इस जनता में समाहित कर्मचारी कामचोर हैं..वेतन लेते हैं, पर काम नहीं करते.. इसीलिए इसके वेतन आयोग के अध्यक्ष को लोगों ने चिठ्ठी लिखकर कहा कि तुम्हे कसम है,इनका वेतन नहीं बढ़ाना.. फिर भी बढ़ाया.. अफसरान का और बढ़ा दिया, क्योंकि उनके लिए किसी ने कसम नहीं दिलाई.. सरकारी स्कूल, जो निजी स्कूल से बढ़िया रिजल्ट दे रहे हैं, नए वेतनमान के लायक ही नहीं समझे गए..

किसानों में आत्महत्या फैशन सा ही चल पड़ा है..किसान नपुंसक होते हैं..किसान प्रेम में असफल होकर आत्महत्या करते हैं..किसान कायर हैं.. इस देश के लायक नहीं हैं..अब हम सब कुछ बाहर से आयात कर लेंगे, इन नामाकूलों के भरोसे नहीं बैठेंगे..

सैनिक गाढ़ी दाल और बिना जली रोटी मांगते हैं..देश की जनता पनियल दाल में दाल के दाने तलाश रही और इन्हें सीमा पर गाढ़ी दाल चाहिए,जबकि सैनिक से ज्यादा व्यापारी बहादुर होता है..

व्यापारी चोर हैं.. टैक्स नहीं पटाते..सीए के साथ मिलकर हेराफेरी करते हैं.. कालाधन इकट्ठा करते हैं..

छात्र तो पक्के देशद्रोही हैं.. कैम्पस में देशविरोधी नारे लगाते हैं.. काले झंडे दिखाते हैं.. पढ़ाई बहुत सस्ती थी न इसलिए खूब मटरगश्ती सूझती थी..

लेखक-कलाकार कौड़ी के काम के नहीं हैं..पुरस्कार लौटाते हैं..राम ने छल से बाली का वध किया था, तब कहाँ थे?

अल्प-संख्यक पाकिस्तान-परस्त हैं.. कोहली की टीम के हारने से पटाखे चलाते हैं.. फ्रिज में गौ-मांस रखते हैं..गोहत्या करते हैं..गोमूत्र नहीं पीते..

लड़के कुसंस्कारी हैं..लड़की पटाते है..रोमियो बनकर घूमते हैं..

मजदूर महा निकम्मे हैं..काम नहीं करते..हड़ताल करते हैं..मजूरी ज्यादा मांगते हैं..छँटनी का विरोध करते हैं..न्यूनतम वेतन मांगते हैं..

बच्चे पढ़ने के नाम पर चोंचलेबाजी करते हैं..फोकट का खाना खाने स्कूल चले आते हैं..बिना आधार कार्ड वालों का खाना बन्द करो..

देश की जनता बर्बाद है.. वोट देने के लायक नहीं है..वोटर से लिस्ट नाम हटा कर इसे भंग करना जरूरी है.. हम 2019 में एक नई, ईमानदार, देशप्रेमी और कर्तव्यनिष्ठ जनता को चुनेंगे.. भारत माता की जय..

कुछ संशोधनों के साथ
द्वारा - Dinesh Choudhary..

7/7/18