सात जन्मों वाली सकीम
पिछले दिनों चित्रगुप्त ने ब्रह्माजी से
अनुरोध किया – प्रभो..'एक पति सात जनम' वाली स्कीम गंधाने लगी है अब इसपे ख़ाक डालिये...
ब्रह्माजी – “क्यों ?
चित्रगुप्त – “प्रभु, मैनेज करना कठिन
होता जा रहा है … इस स्कीम के प्रति औरतों का मोह कम हो रहा है ... मर्दों का रुझान तो बहुत ही कम रह गया है..
ब्रह्माजी – आदिकाल से चली आ रही स्कीम को पलीता कैसे दिखा दूं चित्तू..
और फिर आर्यावर्त में स्कीम बंद हो गयी तो संघ वाले बवाल कर देंगे..और औरतों के उन दो निर्जला व्रतों का क्या होगा चित्ते, जिनमें चांद-तारों को देख पानी पिया जाता है..
तभी नारद मुनि आ गए..उन्होंने सुझाव
दिया कि पृथ्वी ग्रह पर जा कर उनसे सलाह लो, जो कुंवारे शादीशुदा हैं...
चित्रगुप्त सीधे मोदी जी के पास गए...
उन्होंने पल भर में समस्या का समाधान कर दिया – जो भी औरत सातों जनम के लिये एक ही पति की डिमांड करे तो शर्त लगा दो कि यदि पति वही चाहिये तो सास ननद भी वही मिलेंगी...स्कीम दो साल के अंदर दम तोड़ देगी...स्कीम बंद न हो जाए तो नाम बदल दूँगा..
12/10/17