बुधवार, 1 अप्रैल 2020

मान लो न यार...

जस्टिज काटजू  और मैं अगर कहते हैं 90 फीसदी भारतीय मूर्ख होते हैं, तो क्या ग़लत कहते हैं...

हम मूर्ख इसलिए हैं क्योंकि एक आदमी लाखों का सूट-बूट पहनकर कहता है की मैं गरीब हूं और हम उसे गरीब मान लेते हैं..

CBI, NIA जैसी एजेंसियां जिस आदमी के हाथों की कठपुतली हैं, वह आदमी कह रहा है की मुझे सताया जा रहा है और हम मान लेते हैं..

जो संसद मे पूर्ण बहुमत में है, बीस से ज्यादा राज्यों में जिसकी पार्टी की सरकार है, वह कहता है मुझे काम नहीं करने दिया जा रहा है...और हम मान लेते हैं..

जो भ्रष्टाचार में जेल काट चुके लोगों को टिकट देता है और फिर भी कहता है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं ..और हम मान लेते हैं..

जिसके शासन में सबसे ज्यादा हमारे सैनिक शहीद हुए हैं, वह कहता है कि दुश्मन हमसे कांप रहा है ..और हम मान लेते हैं..

जिसके समय में सबसे ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है.. और वह कहता है कि हमने किसानों की आय दुगुना कर दी है.. और हम मान लेते हैं..

जिसके राज्य में सबसे ज्यादा बलात्कार हो रहे हैं और वह कहता है हम "बेटी बचाओ अभियान" चला रहे हैं ..और हम मान लेते हैं..

जो सुंदर भविष्य का सपना दिखाकर सत्ता मे आया हो और चार सौ साल पहले के भूतकाल में हमें घुमा रहा हो और फिर भी हम खुश हैं..

 इससे पहले के सत्ताधारियों ने भी कमोबेश हमें इसी तरह मूर्ख बनाया...और हम खुशी खुशी मूर्ख बनते रहे..

हमारा इतिहास बताता है कि हम मूर्खता में इतने मजे में जीने के आदी हैं कि हमें अच्छे शासन और अच्छे प्रशासन की जरूरत ही नहीं है..क्योंकि कोई भी अच्छा शासन हमें नियम कानून सिखाएगा.. लेकिन मूर्खो.. विश्वगुरु कभी सीखते हैं क्या!!!!

5/12/18