गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

"टीपू सुल्तान बर्बर हत्यारा था" उसके कार्यक्रम में मुझे न बुलाये - अनंत कुमार हेगड़े, केंद्रीय मंत्री !
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अँग्रेजी सत्ता के खिलाफ क्रांति की लड़ाई लड़ने वाले मेरे सबसे प्रिय शासक टीपू सुल्तान हि है, और दंगाई गैंग ने टीपू का विरोध करके साबित कर दिया की वो वाकई अच्छे थे और मेरा चुनाव गलत नहीँ है !
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टीपू सुलतान के बारे में इतना जानना काफी है की -
वो अकबर के बाद हिंदुस्तान में साम्प्रदायिक सदभाव के सबसे बड़े चेहरे थे !
वो मुसलिम होते हुऐ भी राम नाम की अँगूठी पहनते थे, ये अंगूठी उनके मृत शरीर से तब निकाली गई, जब वे 1799 में श्रीरंगापट्टनम की लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के हाथों मारे गए थे !
लंदन स्तिथ क्रिस्टीज़ नीलामीघर ने सोने की इस अंगूठी को मई 2014 में 1 लाख 45 हजार पाउंड में बेचा !
(इस दंगाई गैंग को साम्प्रदायिक सौहार्द से हि नफरत है, तो स्वभाविक है, टीपू से भी नफरत होगी )
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भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी किताब 'विंग्स ऑफ़ फ़ायर' में लिखा है कि उन्होंने नासा के एक सेंटर में टीपू की सेना की रॉकेट वाली पेंटिग देखी थी उसीसे मिसाइल बनाने की प्रेरणा मिली !
(इस गैंग के वैज्ञानिक गोबर से कोहिनूर और गौमूत्र से सोना तलाशते है, फिर रॉकेट साईंस की जानकारी रखने वाले को गाली देना तो संघ धर्म हुआ )
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टीपू ने 18 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के विरुद्ध पहला युद्ध जीता था ! और 1799 में अंग्रेजों के खिलाफ चौथे युद्ध में मैसूर की रक्षा करते हुए टीपू सुल्तान की मौत हुई थी !
(अंग्रेजों के तलवे चाटने वाले संघी कैसे बर्दाश्त कर लेंगे की मैसूर का ये शेर छाती ठोककर उनके मालिकों के खिलाफ लड़ता रहा )
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और सबसे बढ़कर -
टीपू सुल्तान ने एक दिन में 5 करोड़ पौधे लगाये !
जोगी ने 2 लाख दीपक जलाएं !
(ये फर्क होता है एक शिक्षित में और एक गँवार में ! और शिक्षितो से इनकी नफरत जग जाहिर है, पानेसर, डाभोलकर, कलिबुर्गी , गौरी लंकेश को नहीँ छोड़ा फिर टीपू को कैसे छोड़ देंगे )

Girraj Ved
10/22/17