तो जी..आगरा के कल्पतरु 'अनाथालय' में मथुरा के उस महंत से बातचीत करने के बाद लगा कि भाई पक्का मार्क्सवादी है..
महंत के मुताबिक कृष्ण का सबसे ज़्यादा अनादर ब्रजवासियों ने किया..उनके सारे अच्छे कामों को भुला कर उनका व्यक्तित्व रसिया बना कर वहीं तक सीमित कर देना... रासलीला, गोपियों के पीछे भागना, पेड़ पर चढ़ उनको नंगा नहाते देखना वगैरह वगैरह..और कृष्ण के इसी रूप को साढ़े तीन हज़ार साल से भुनाया जा रहा है..
राधा का दामन थाम कर इस देश के मूर्धन्य कवियों ने सदियों तक जाम कर ऊधम मचाया है...वास्तव में जीवन में नारी का आदर करने वाले कृष्ण को बृजवासियों और ब्रजकाव्य ने सिर्फ स्त्री लोलुप बनाया और दिखाया है..
4/18/18