गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

हमारे देश में न्याय व्यवस्था
सबसे लचर : प्रशांत भूषण

जानेमाने अधिवक्ता प्रशांत भूषण का कहना है कि जब तक देश में न्यायपालिका के काम की जवाबदेही तय नहीं होगी, हालात बद से बदतर होते जाएंगे..आज स्थिति ये है कि केवल एक फीसदी मुकदमों का ही फैसला होता है..

हमारे देश में जज की जवाबदेही क्यों नहीं है कि वो साल में कम से कम इतने मुकदमे निपटाएं.. क्यों 99 फीसदी मुकदमे बरसों से पेंडिंग पड़े हैं..एक गरीब आदमी को 20-बीस साल क्यों अदालत के चक्कर काटने पड़ते हैं..और तब भी उसे न्याय नहीं मिलता..

यहां प्रशांत अमेरिका में टीवी पर दिखाए जा रहे न्यायिक फैसलों का हवाला देते हैं, जिनमें जज को मुकदमा निपटाने में महज 20 मिनट लगते हैं..उसी श्रेणी के मुकदमे हमारे देश में दसियों साल से फैसले की बाट जोह रहे हैं..



प्रशांत भूषण के अनुसार देश पूरी तरह भ्रष्टाचार की गिरफ्त में है, लेकिन जिस तरह यह रोग न्यायपालिका में फैला है, वह बेहद चिंतनीय है..हम संस्थाओं की स्वतंत्रता की चाहे जितनी बात करें, लेकिन जब तक जवाबदेही तय नहीं होगी, हालात में कोई सुधार नहीं होगा..खास कर सर्वोच्च पदों पर बैठे हर व्यक्ति की जवाबदेही तय करने के लिए कोई तो फैसला करना ही पड़ेगा..और यह अब जनता के हाथ में है कि वो कितनी जल्दी इस मामले में दबाव बनाती है..लोकपाल बिल को पास हुए बरसों हो गए, लेकिन नियुक्ति अभी तक नहीं हुई.. और वो इसलिए कि नेतृत्व चाहता ही नहीं कि इस देश में कामकाज 

12/17/17