बुधवार, 1 अप्रैल 2020

ब्रह्मा के दर्शन कर लेते तो कद्दू मिल जाता क्या


ब्रह्मा मंदिर में राष्ट्रपति कोविंद को घुसने ही नहीं दिया गया और बाहर सीढ़ियों पर ही सारे अनुष्ठान करवा करकर उन्हें सपरिवार विदा कर दिया गया..
        
हिन्दू धर्म बड़ा अजीब है....गाएंगे वसुधा कुटुंब का गान लेकिन छूना भी पाप समझेंगे  85 फीसदी जातियों को...

गाय माता है, चूहा गणेश है, गिद्ध जटायुराज है,सूअर बाराह भगवान है, बंदर हनुमान है,भालू जामवंत है लेकिन इंसान शम्बूक दुष्ट है, एकलव्य अपराधी है..

कोविंद जी होंगे राष्ट्रपति..होंगे देश के सर्वोच्च नागरिक...होंगे देश के प्रथम नागरिक...होंगे देश की तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्ष.. लेकिन जाति से दलित हैं तो मंदिर में नहीं घुस सकते..
इसलिए उन्हें पुष्कर स्थित मन्दिर के गर्भ गृह अथवा परिक्रमा स्थल तक जाने नहीं दिया गया...उन्हें विजिटर बुक भी नहीं छूने दी गई..



5/20/18