तीन साल पहले का 30 अगस्त...
पिछले दस दिन सिर्फ टीवी के सामने गुज़रे ----बहुत दिन बाद टीवी से इस कदर जुड़ा …… टीवी न्यूज़ पर पहले ही दिन राधे माँ को नाचते गाते और हर चैनल को उसकी फहुन पर गाल बजाते देखा … पर बेचारी राधे मा की किस्मत खराब निकली क्योंकि एकाएक छा गयी इन्द्राणी मुखेर्जी और राधे माँ के मटकती कमर को पलीता लग गया...
एकाएक हमारे देश की भोंडी आस्था सारे चैनलों पर पेज थ्री की एक पारवारिक कारगुजारी में बदल एक गगनचुम्बी पक्षी की तरह उतर आयी …… जिसमें समाज के एक ख़ास वर्ग की पतनशील मूल्यों की व्याख्या पर सारा ज़ोर रहा……
मामला एक हत्या का था और चैनल गा पौराणिक ऋचाएं रहे थे या अपने अपने जासूस लगा कर उस हत्या का पोस्टमार्टम कर रहे थे..ताकि हर चैनल पैसा कमाने की गंगा में अपनी अपनी लुटिया भरता रहे ....... सारा देश का काम जैसे रुक सा गया ......... जैसे गणेश जी ने इस बार दूध नहीं गन्ने का रस पीना शुरू कर दिया हो .......
इस बीच एक शिशु को एक सरकारी अस्पताल में चूहे नोच नोच कर खा गए और उस राज्य का मुख्यमंत्री बड़ी बेशर्मी से दुःख प्रकट करता रह … सुख-दुख, मोह-माया, इहलोक-परलोक से जुड़ा सारा मामला पांच मिनट में ही निपटा दिया गया। ………
डोली बिंद्रा नामकी कोई अभिनेत्री लाख चिल्लाती रहे कि राधे माँ ने उसके कपड़े उतरवा लिए लेकिन सारा ज़ोर इन्द्राणी मुखर्जी के पांच पतियों की तलाश पर रहा ……जैसा कि सबको पता है कि चैनल की
टी आर पी बकासुर नामक दैत्य की नाभि में छुपी है , सो ..सारे चैनल उसी नाभि को कुरेदने में लगे हैं ये तो हुआ न्यूज़ का हाल ...
अब एक एक सीरियल पर आएं ...... कलर्स चैनल पर चल रहे इस सीरियल में दो डायन माता रानी को नचा रही हैं....... एक काली बिल्ली उन डायनों की दूती बन कर जब चाहे तब माता रानी को सड़ांध मारती गंगा मैया बना जाती है....... हमारा देश पौराणिक महानता की ओर तेजी से अग्रसर है ...
इसमें थोड़ा अपडेट यह है कि आजकल गणेश जी पर एक सीरियल दिखाया जा रहा है, जिसमें मां काली जब तब खून पीने पर उतारू हो जाती हैं..और खून जिन दैत्यों, दानवों और राक्षसों का पीती हैं उनके सामने सारे देवता हिजड़ों का रोल निभा रहे हैं..
..... एक ताजा ताजा साक्षात्कार देखा बेहद थके चैनल पर बेहद थके अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा का उनसे भी ज़्यादा थकीले पत्रकारों के बीच..... पता नहीं सब कहाँ से पकड़ पकड़ कर लाये गए थे …वैसे उनमें से कई रोजाना विभिन्न चैनलों पर अपनी सूरत दिखा कर मनहूसियत फैलाते हैं.. साक्षात कार लेने वाला भी उतना ही चिरकुट जितना साक्षात्कार देने वाला चिरकुट नेता अभिनेता..
अंत में...... बिज़नेस इंडिया टीवी के वो तीन साल इन सभी चैनलों पर किस कदर भारी रहे...... याद आ रहा है कि जब bitv का हाल बुरा होने लगा तो तो एक साथी के कहने पर ज़ी टीवी के राकेश खर से मिला …उन्होने पूछा आपको हमारी न्यूज़ कैसी लगती है.... इस सवाल के जवाब पर अपनी नौकरी तै होनी थी..... . जवाब था दो कौड़ी की … नौकरी गयी तेल लेने . ......
या सहारा का लेटर कई दिन तक पड़ा रहा पर तनख्वाह न मिलने के बावजूद दो महीने तक bitv नहीं छोड़ा कि शायद हालत में सुधार आ जाए और जिस दिन bitv छोड़ कर सहारा की ओर चला तो ऐसा लग रहा था जैसे किसी मैयत में जा रहा हूँ.......
8/30/18