सुधा भरद्वाज..प्लीज गो बैक
जिस देश में द्रौपदी के पांच पति हुए.. मंदोदरी ने गर्भवती होते हुए रावण से शादी की..कुरु वंश की अधिकांश औलादें पर पुरुष से हुईं..पूरा महाभारत काल सेलिब्रिटीज के जन्म को लेकर विवादों से घिरा रहा, उस देश के हम जैसों को सुधा भारद्वाज पसंद नहीं..तो प्लीज सुधा गो बैक....
1860 में भारतीय दंड संहिता बनी.. व्याभिचार जैसे प्रावधान समाहित किये गये.. हमें व्याभिचार पसंद हैं.. हमारे घरों में सिखाया जाता हैं कि शादी वही करो, जहां हम कहें..भले ही व्याभिचार करती रहो लेकिन हमें लिव इन पसंद नहीं.. रखैल बनाकर रखना हमारी पहली पसंद हैं..हमें औरतों को नोच कर खाना पसंद हैं..हमारे यहां के लोग जस्टिफिकेशन देते हैं कि सामने वाली रंडी है, कुलटा है, इसलिए उसे सड़क पर नंगा घुमाया गया..औरतों को नंगा घुमाना हमें पसंद हैं..हमें नंगी औरतें ही अच्छी लगती हैं तो क्या किया जाए। प्लीज सुधा भारद्वाज गो बैक....
हमारे समाज से वैश्यावृति हटाई जाए क्योंकि दुष्कर्म वैध है..बिहार में दो दिन पहले एक लड़की के कमर और शरीर के कई भागों पर हाथ लगाया गया और हमारे यहां लोग जस्टिफिकेशन दे रहे थे कि दोनो अश्लील हरकत कर रहे थे.. तो किसी उम्र की जनानी के साथ गलत हरकत करना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। प्लीज सुधा भारद्वाज गो बैक..
हमें नुचा हुआ शरीर पसंद है। हमारे सैक्स करने का तरीका इतना बढिया है कि हम प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल देते हैं। हमारे दिमाग की वासना को दूर मत करो। हमें तुम्हारे जैसी पांच मीटर की साड़ी में लिपटी स्त्रियां पसंद नहीं। हमें रॉड डालने के लिए अदिवासिनें पसंद हैं...सुधा भारद्वाज गो बैक....
भारत के कई हिस्सों में नकल सेंटर चल रहे हैं और सुधा तुम ठहरी कानपुर आईआईटी टॉपर। हमें तुम पसंद नहीं.. हमें ऐसी औरत पसंद है जो हमारे लिए भोग की वस्तु हो।।
पूरा विश्व पूंजीवाद से जूझ रहा है। श्वेतपोश अपराधियों से जूझ रहा है। अपने काम बनाने के लिए बम ब्लास्ट करवाये जा रहे हैं। आतंकवादियों को हथियार सप्लाई किये जा रहे हैं ताकि एक देश, दूसरे देश की इकोनॉमी को खराब करके उस पर अपना दबदबा बना सके। यार ऐसे में तुम मजदूरों का केस लड़ती हो..शर्म नहीं आती..हमें तुम पसंद नहीं। सुधा भारद्वाज गो बैक....
हमें जेएनयू में एडमीशन मिल नहीं पाया। जैसे तैसे पास होते हैं। तुम्हारे अम्मा और अब्बा वहां पूजे जाते हैं। हमारे भारत की जीडीपी दुष्कर्म का शिकार हो गई..रुपये का इतना बलात्कार हुआ कि वह एक डॉलर का सत्तर रुपये हो गया..और तुम अर्थशास्त्री की बेटी..हमें अर्थशास्त्र पढाओगी.. तुम हमारे भारत से निकल जाओ।
तुम भारत आयीं क्यों..हम भारतीय अमेरिका की नागरिकता पाने के लिए क्या-क्या करते हैं। तुम वहां से आकर यहां क्यों रह रही हो?
देखिए मित्रों मुझे बुरा लग रहा है। हमारे श्री श्री एक हजार आठ मॉब लिंचर, जो भारतीय योद्धा हैं, की गिरफ्तारी नहीं हुई। तब सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा। सरकार को नोटिस देना पड़ा। हमने इतनी मुश्किल से इसको गिरफ्तार करवाया और इसकी ट्रांजिट रिमांड पर रोक लगा दी। हमें बुरा लग रहा है। हम बकरी, कुत्ता, बिल्ली, सुअर सब खाते हैं। उस पर बाकयदा जश्न मनाते हैं। हमें अधिक बुद्धजीवी पसंद नहीं हैं। हम गईया और गोबर वाले लोग। प्लीज हमारा मनुस्मृति युग वापस लाओ। मुसलमानों को देश से भगाओ।
पचंर जोड़ना, बाल काटना इत्यादि सब काम दलितों से करवाओ.. मनुस्मृति लाओ.. सब खत्म करो। सारे अंतरिक्ष शोध बंद करो। हमारे भारत में पिछवाड़े से दिव्य ज्ञान निकालकर अंतरिक्ष खोज कर लेते हैं। तभी तो हमें इतनी बवासीर की समस्या रहती है। यार इस महिला को भारत से निकालो।
हम हिंसा पसंद करने वाले लोग हैं.. हम संविधान को जलाते हैं। हमें अरबों की तरह सड़क पर फांसी चाहिए। हमे चाहते हैं कि हमारी सड़कों पर बारुद टैंकर चलें। खून की होली खेली जाए।
हम भारतीय इस मानसिकता के हैं। हमें सुधा भारद्वाज पसंद नहीं। सुधा तुम अमेरिका जाओ। हमें इतने पढ़े लिखे लोग पसंद नही।
Shiivaani Kulshresthhaa से उनके इस लेख में अपना छौंक लगाने के लिए क्षमा याचना..Ugrnath जी की वॉल से
8/30/18