शनिवार, 28 मार्च 2020

मुझे आज तक बड़े पत्रकार की परिभाषा समझ में नहीं आई, आपको पता है क्या? जरा बताइये तो!
Shashikant Dwivedi

सुनिये शशिकांत जी...बड़े पत्रकार की नई परिभाषा...

जो आम लोगों के लिए रूहानी हो...खास लोगों के यहां रक्कासा हो...मालिक के आगे पेंदा झुकाये खड़ा रहे..मंत्री नेता के यहां घिघियाये.. अधीनस्थों को हड़काये..बढ़िया ढंग से चोरी चमारी करना जानता हो..प्रबंधन के आगे दुम हिलाना आता हो..और पत्रकारिता के अलावा बाकी सब काम आते हों...और सत्ता का दलाल हो..

Rajeev Mittal की वाल से

10/30/18