सोमवार, 30 मार्च 2020

छपे हुए काग़ज़ के ख़िलाफ़ साज़िश

फारेनहाइट 451 वो तापमान है जो काग़ज़ को राख कर देता है...यानि किताब के अस्तित्व को मिटा देने वाला ताप...अमेरिकी लेखक रे ब्रेडबरी ने फारेनहाइट 451 के शीर्षक से ही चौबीसवीं सदी पर आधारित उपन्यास लिखा था..जिसका समाज काग़ज़ से विलग हो चुका है...

जहां फायरमैन को क़िताब को देखते ही जलाने की सूझती है...

रे ब्रेडबरी ने टीवी पर आधारित एक बुद्धजीवीविहीन समाज की कल्पना की है..जिसमें कुछ भी सोचना और सवाल खड़े करना गुनाह है..क्या हमने रे ब्रेडबरी की कल्पना का संसार इक्कीसवीं सदी में ही हासिल नहीं कर लिया है....!!!

यह धड़कती दुनिया के ख़िलाफ़ साज़िश नहीं है!!!!
9/10/18