भारतीय इतिहास से किस खुशी में सबक लेते जब उन्हें इतिहास से कोई मतलब नहीं था...
बिहार में यहां वहां बिखरी अशोक की लाट जरासंध की गदा मानी जाती थी...19 वीं सदी के शुरू में जनरल कन्निघम ने बताया कि यह क्या है..
सदियों से आस्था की सड़ान्ध और गंगा मैया के अंदर गंदगी बहाते या मुलुक से गद्दारी करते बीता..
जात पांत.. छोटा बड़ा.. इन सब में फंसा समाज कितना मूढ़ हो सकता है यह भारत या भारतीय उपमाद्वीप को देख कर समझा जा सकता है..
दुनिया का हर देश भारत से भी ज़्यादा बुरी गति से गुजरा.. लेकिन हर बुरी गति से उन देशों ने सबक लिया..
हम लोग अपने गरेबाँ में झांकने के बजाय हर कहीं झांकने के आदी हैं..
हमारा अपना कोई सुख दुख नहीं ..दूसरे का दुख ही हमारा सुख है..और दूसरे का सुख ही हमारा दुख है...
8/15/18