वो भयानक दिन
जैसे तैसे रायबरेली के महात्मा गांधी इंटर कॉलेज में आठवीं पास कर ही ली...नवीं में एडमिशन लेने को बड़े भैया अपनी साइकिल के डंडे पे बैठाए जब कान्यकुब्ज कॉलेज के विशाल परिसर में प्रविष्ट हुए तो पेट में गुड़गुड़ होने लगी..
एक कान्यकुब्जी ब्राह्मण के चलते मामला लटक गया..ससुरा फीस के पैसे ही गड़प गया.. कई दिन दौड़ाने के बाद एक लेटर उस टीचर के नाम लिखाया, जिसमें लिखने वाले ने उसे सबके सामने जूतों से पीटने की धमकी दी थी..कंधों तक लहराते बालों वाले उस लहीम शहीम मिश्रा जी ने लेटर पढ़ते ही कहा..चलो बेटा.. और कला संकाय में नवीं के क्लास टीचर किन्हीं शुक्ला जी के हाथों में हमें सौंप दिया..फीस के पैसे बाद में देने का वादा..
अब अगले दो साल राक्षसी प्रवृत्ति वाली गणित इस अति दुबले शरीर का खून पीने को किसी खोह में पूरी तैयारी के साथ बैठी थी...गणित ने खून पीना शुरू किया ही था कि अंग्रेजी वाले बीडी अग्निहोत्री ने हनुमानजी वाले दिन को छोड़ हर रोज पूरी क्लास की सुताई का भार अपने सिर पे ले लिया..और जिससे नीम की डाल तुड़वा कर मंगाते, दो चार उसी को जड़ के छड़ी की मजबूती नापते..
ऐसी नामाकूल पिटाई से बचने को उनके घर 12 बजे की ट्यूशन मंज़ूर कर ली..लेकिन दुर्भाग्य देखिये कि एक महीने बाद ही केपिटल में रामानंद सागर की आंखें लगी..क़िस्मत की मार कि पढ़ाते पढ़ाते पंडित जी को कॉल ऑफ नेचर ने शौचालय में घुसने को मजबूर कर दिया..वो अंदर और हम चारों भागे केपिटल की ओर..अगले दिन क्या हुआ, वो बताने को अपने पास शब्द नहीं हैं..
शनि और राहु-केतु के प्रभाव से नवीं पास कर लिया...अब हाईस्कूल रूपी पहाड़ सामने था, जिसे चढ़ना था गणित की जंजीरें पैर में बांध कर..हिंदी का एक निहायत हरामी जनखा टाइप टीचर यही कह कर अकसर हमारी पेंट गीली कर देता..
एक दिन क्लास टीचर के पास एप्लीकेशन लेकर पहुंचा, जिसमें लिखा था..प्रार्थी को गणित से मुक्त कर होम साइंस चुनने की इजाज़त दी जाए..उन्होंने घुमा के हाथ तो नहीं दिया, लेकिन अपन गाल सहलाते हुए ही लौटे..अंत में हाई स्कूल एग्जाम से दो महीने पूर्व बड़ी बहन को हमारे भविष्य की चिंता हुई और वो नवयुग कन्या विद्यालय की एक आकर्षक टीचर को लेकर हाजिर हुई..
गणित की ट्यूशन शुरू होने से पहले लेकिन टीचर को गाना सुनाना पड़ा..सारंगा तेरी याद में..और जब रिज़ल्ट आया तो थर्ड डिवीज़न बाहें फैलाये खड़ी थी अपने साथ आनंद सिनेमा हॉल में मन का मीत दिखाने को...
8/25/18