सोमवार, 30 मार्च 2020

अमित शाह आप सिर्फ अखलाख की हत्या के बाद ही नही जीते थे, आप तो इशरत के एनकाउंटर के बाद भी जीते थे, आप गुजरात नरसंहार के बाद भी जीते थे, आप नोटबन्दी के नाम पर अख़लाक़ जैसे सैकड़ों लोगों की बलि चढ़ाने के बाद भी जीते थे, आप तुलसीराम प्रजापति के हत्या के बाद भी जीते थे, आप पटेलों पर दमन के बाद भी जीते थे। आप दलितों को पीटने के बाद भी जीते थे, आप घोड़े पर चढ़ने वाले दलित को जान मारने के बाद भी जीते थे। आप सैकड़ों किसानों के आत्महत्या के बाद भी जीते थे, आप पिछड़ों को प्रताड़ित करने के बाद भी जीते थे। 

आप सैकड़ों, बलि, हत्या से नरसंहार तक में जीते थे। अत्याचार, प्रताड़ना, दमन, हत्या, नरसंहार से ही आप जीत सकते हैं। आप ही बता दें कि आपने कब प्रेम, भाईचारा, आपसी सौहार्द, विकाश पर जीत हासिल की है? देश की एकजुटता पर आपने कब जीत हासिल की है? 

 आपका वचन एक जुमला है, आपका भरोसा एक धोखा है, आपका विश्वाश एक अंधकार है चूंकि आपका भूगोल और इतिहास दोनो खराब है,

Mustaqim Siddiqui
#इंसाफ_इंडिया

9/12/18