कल प्रोफेसर जी डी अग्रवाल जी का निधन हो गया,कौन थे प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ऐक पर्यावर्ण विद ऐक शिक्षक जिसनें IIT के छात्रों को पर्यावरण व प्रकृति की के प्रती विस्तृत तौर पर शिक्षित किया,ऐक एसा व्यक्ति जिसनें मा गंगा के सरंक्षण व प्रदूषण से मुक्त कराने के लिये,गंगा की अविरल धारा के लिये सरकारऔर ठेकेदारों ,विल्डरो,उद्ययोगपतियों और लोभी नेताओं जो सिर्फ़ निजी फायदे के लिये गंगा के किनारों का अतिक्रमण करके बांधों के निर्माण करके गंगा को बन्धक बना चुके थे उनके खिलाफ वर्षों से अभियान छेड़े हुए थे इतना ही नही गंगा जी पर प्रस्तावित 200 बनने वाले बांधों के खिलाफ़ भी व्यापक जनअन्दोलन का आधार निर्मित कर रहें थे वे,उन्होने सन्यास ग्रहण कर लिया था और पिछले 111दिनो से अनशन पर थे सिर्फ़ जल ग्रहण कर रहें थे अन्न जल त्याग चुके थे,लेकिन इस गंगा पुत्र को प्रधान-मंत्री जिन्हें मा गंगा ने बुलाया था उन्होनें भी इस संत को नजरअंदाज कर दिया। सरकारी अमले को भेज कर जबरदस्ती इस संत को उठवा लिया गया और जो संत 111दिन के निराहार उपवास के बाद भी जीवित रहा उसे काल के गाल में पहुचा दिया।।इसकी जाँच होना आवश्यक है और अब सवाल प्रधान-मंत्री जीसे पूछना चाहिये जिन्हें मा गंगा ने बुलाया था या फ़िर मुझें गंगा ने बुलाया था भी फर्ज़ी जुमला था और साथ ही उमा भारती जी से भी पूछना चाहिये की उन्हें गंगा जी याद है या उनकी बातें भी जुमला थी,या फ़िर सिर्फ़ मगरमच्छी आसुऔ से अपने पाप धोएंगे ।जय हिंद जय भारत ।।दीपक कुमार सिंह प्रवक्ता व उपाध्यक्ष विधि मानवाधिकार व सूचना का अधिकार विभाग जबलपुर शहर व प्रदेश प्रवक्ता मध्यप्रदेश अधिवक्ता कांग्रेस
10/13/18
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