गुरुवार, 26 मार्च 2020

पुस्तक मेला...तीन
सोचा था इस बार पुस्तक मेले में कई वर्षों से नहीं मिले जहान भर के मित्रों और फेसबुक के जरिये हुई दोस्तियों से मुलाकात हो जाएगी..पर अनिल जनविजय, वंदना राग और शालू से मिल कर ही बाकी कई सारों से न मिलने की कमी पूरी हो गयी...
कल हापुड़ से दिल्ली जाते हुए हरिद्वारवासिन शेली को न आने के लिये कहना पड़ा..पैदायशी कन्फ़्यूज़्ड बिहारन शेली न तो मेरा प्रोग्राम समझ पायी न मैं समझा पाया..फिर मिलते हैं शेली..
लखनऊ से चलते समय दिल्ली की फ्लाइट पकड़ने जा रही पारुल को उड़ान भरने से पहले ही उतरवा दिया..मुम्बई की गुज्जू बाला दिल्ली की ठंड में टें बोल जाती तो अंतिम संस्कार के लिये लोग जुटाने मुश्किल पड़ जाते..
लेकिन दिल्लीवालों ने बहुत निराश किया..जैसे ही शालू की कार के पहिये हापुड़ की ओर घूमे..राजीव शर्मा फोन पर टर्राए..कहां हो भाई..मैं गेट न. सात तक पह़ुच गया हूं........वहीं तेल बेचो ससुरे तुम....
पंखुड़ी को फोन किया..कोई जवाब नहीं..हापुड़ में फ़रमान आया ..कहां हैं आप..भाड़ झोंक रहा हूं..कोई शक..
मुकेश कुमार सिंह..पुष्पेन्द्र लापता हैं..शोभा को फोन किया तो क्नाटप्लेस बुला रही है..मधुमिता का आग्रह है कि कल मिलूं...

अगस्त्य अरुणाचलम को मान गया..इतनी तबियत खराब है ... पर यार ने अपनी बिजली रानी को मिलने भेजा..यही नहीं.वहीं फोन पर कनफर्म कराया कि वो मिलने आयीं कि नहीं..पुरानी फेसबुकिया मित्र अंजू शर्मा कवियत्री बन गयी हैं..ख्यातिप्राप्त...धरे रहें अपने पास अपनी ख्याति को.. ठीक है यारां..जो मिला बहुत अच्छा..जो नहीं मिला और भी अच्छा...
1/15/19