ट्रम्पवा की बिटिया आर्यवर्त की भतीजी...
धृंग-धा..धृंग-धा तिन्ना...मृदंग के ताल निकालते ही मंजीरा बोला..... कुन कुन कुन कुन कुन कुन...
तभी नटी शुरू हो गयी...
गननायकं फलदायकं पंडितम् पतितम्....
आरती खत्म कर नटी ने घंटी बजानी स्टार्ट की ही थी कि नट के चिल्लाने की आवाज़ आयी.. कलमुंही.. आज का अख़बार किधर है...नटी ने फौरन घंटी को पटका और दही की मटकी फोड़ते हुए दहाड़ी.... दाढ़ीजार..सुबह सुबह हमारे मुहँ मत लग..ये ले अखबार..गणेश जी के मुहँ पे चिपकी बर्फी पर से मक्खियां भगा रहे थे..
अच्छा सुनो तो .. जरा ये तो बताओ कि इवांका कौन है..
नट.. अपने ट्रम्पवा की बेटी है..
नटी...अरे तो यूं बोल न भतीजी..
नट..हां री..राष्ट्र भतीजी..आज अपनी सड़क के उस पार वाले चर्च में आयी है..
नटी..हुर्रर्रर्रर..चिरकुटहे.. अब ससुरे यह राष्ट्र चाचा और राष्ट्र भतीजी कब से होने लगे..हम तो इवांका से मिलने चर्च जा रहे हैं..
नट..चर्च में कहीं जय गणेश जय गणेश न करने लागियो चुड़ैल..
नटी ने उठा के नट पे पीतल का भगौना दे मारा..नीचे से गुप्ता जी की आवाज़ आयी अरे मार डाला...
नगाड़ा ...धृंगा धृंगा धृंगा किनका किनका...धिरिंनांगि धिरिनांगि.. के अंदाज़ में बजने लगा...
11/29/18