मंटो और मैं..
चूंकि हम दोनों की ही शादी बहुत बड़ा हादसा थी..और हम दोनों ही इन हादसों के गवाह...तो पहली गवाही मेरी सआदत हसन मंटो की शादी को लेकर..
मंटो से अपना याराना अमृतसर से ही..चकलेवालियों के मोहल्ले में एक सेठ के यहां..जहां लाहौर से पधारे आगा हश्र कश्मीरी अपने नौकर की मां बहन कर रहे ..तो हम दोनों ही वहां मौजूद..यही थी हम दोनों की पहली मुलाक़ात..दोनों दुबले पतले..औसत से ज़्यादा लम्बाई..खास बात यह कि न उसमें मलेच्छपन और न अपन क़ाफ़िराना...
अमृतसर की गलियों में टूलते दोनों की दोस्ती उड़ान भरने लगी..बहरहाल ..उस चन्ना के होटल में कब जाम टकराए..कैसे वो विक्टर ह्यूगो के उपन्यास का ग़लत सलत अनुवाद कर लेखक बना और अपन कैसे एक केस में तिड़ीपार हो बम्बई पहुंच सिनेमा पर नासिक से निकल रही मैगज़ीन के संवाददाता बन गए..इन सब बातों पर तफ़्सिरा बाद में..असल मुद्दा यह कि दो साल बाद मंटो भी बम्बई पहुंच गया एक उर्दू पत्रिका निकालने में अपना योगदान देने की ख़ातिर..
कुछ दिन हम दोनों ने एक बड़ी इमारत के जहाजी कमरे में साथ साथ गुजारे..फिर उसे इम्पीरियल मूवीटोन में फिल्मी कहानियां लिखने का काम मिल गया..तन्ख्वाह मामूली. वो भी समय पर न मिलना..पांच रु. की खोली में खटमलों के बीच उसके दिन गुजर रहे..उसकी गली का एक गुंडा अपन को चाकू दिखाता...पर उसको ममदू भाई बोलता..
बहरहाल..उसकी कम्पनी को घाटे पे घाटा..आलमआरा के प्रतापी फिल्मकार अर्देशिर ईरानी का काम मंटो की बोली में अपनी हिरोइनों के पिस्तान दबाने भर का रह गया था...तन्ख्वाह के टोटे तो चल ही रहे थे..कभी कभार मिलने वाला बीस तीस रुपया भी जब आंखें चुराने लगा तो मंटो किसी देसाई की कम्पनी में मुंशी लग गया..वहां भी पैसे का रोना...ऊपर से तुर्रा यह कि अमृतसर से आ कर बम्बई में अपनी बेटी के यहां ठहरी मंटो की मां को बेटे की शादी की चिंता उबाल मार रही..मंटो की अपने जीजा से बिल्कुल नहीं पटती थी..तो भाई से बहन..और मां से बेटा छुप छुपा कर मिला करते...
बहरहाल कश्मीरी मंटो की बात एक कश्मीरी खानदान में लड़की की देखा दिखायी के बाद तय हो गयी..सगाई के बाद एक साल तक मंटो शादी टालता रहा..पल्ले में पैसा नहीं..कमाई का ठिकाना नहीं..सिर छुपाने को वो खटमलों से लदी फंदी खोली..लेकिन ख़्वाजा की एक तारीफ तो करनी पड़ेगी कि आदमी था दमदार..चेहरे पे कोई मायूसी नहीं..रोज शाम को बीयर पीनी है तो पीनी है..कहीं से अपन को भी उसका जुगाड़ हो जाता तो क्या कहने..
खैर..एक साल से लड़की को घर में बैठाये लड़की के परिवार वाले मंटो पर शादी का ज़ोर डालने लगे..मंटो के डेढ़ हज़ार रुपये ईरानी के पास फंसे थे..
कई तक़ादों के बाद भी जब अर्देशिर ईरानी के कानों में जूं न रेंगी तो मंटो उसके स्टूडियो के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गया..साथ में मेरे आलावा दो एक पत्रकार और..
ईरानी ने मंटो को बुलवा कर सौदा किया कि वो किसी दुकान के नाम परची काट रहा है जहां से वो ज़रूरत का सामान ले ले..जेब में तो उसके फूटी कौड़ी नहीं है..मंटो और मैं ईरानी के एक कारकून के साथ उसी की गाड़ी में सवार हो कालबादेवी रोड पहुंचे और गहना कपड़ा लत्ता जो समझ में आया ले डाला..बाद में पता चला कि कुल ख़रीद आठ सौ से ज़्यादा की नहीं थी..यानि एक बड़ी रक़म सेठ डकार गया...
अब शादी की तैयारी...मंटो ने फौरन दो कमरों वाले घर का इंतजाम किया..बाल कटाये..सफेद सूट धुलने को दिया..इस बीच अपन ने उसकी बारात में चलने को कई सिनेमाइयों को तैयार किया..दो चार हलब्बी गाड़ियां भी..सब लद लदा कर क्लिफ़टन रोड पर बिल्मोरिया मेंशन पहुंचे..कुछ दूर पर मंटो की बहन ने अपने घर से बाहर आ कर भाई की बलैयां लीं..उनके शादी में चलने का तो सवाल ही नहीं था..
बिल्मोरिया मेंशन की तीसरी मंज़िल पर पहुंच हम बाराती एक बड़े कमरे में जमा हुए..मौलवी ने निक़ाह पढ़वाया..दावत में कश्मीरी पुलाव और कोरमा और न जाने क्या क्या...सब में लाल मिर्च की भरमार..सीसी करते मज़ा लिया..सामान से भरा ट्रक भिजवा कर एक कार की पिछली सीट पर मंटो..अपनी मां और नयी नवेली दुल्हन के बीच धंस लिया..अपन ड्राईवर के बगल में..
मंटो के साइन वाले घर में एक बार फिर बाराती जमा हुए..सुलोचना देवी ने लेमन सोडा की बोतलों का इंतजाम कर रखा था..सब ने जोड़े को आशीर्वाद दिया और निकल लिये..अपन को रुकना था..फर्नीचर वगैरह सेट कराना था...मंटो लंगड़ा रहा..सुबह गुसल के समय रपट गए थे ख़्वाजा..
शब्ब अ ख़ैर कह हम भी निकलने को हुए..यह पूछते ही कि मियां शादी करके कैसा लग रहा है..भाई ने शुद्ध हरामीपने का जवाब दिया कि मियां...हमें तो रस्सी पर पोतड़े लटके नज़र आ रहे हैं....आमीन कह कर हम भी ख़्वाजा को दुल्हन के कमरे धकेल निकल लिये...
एक बात और ..हम दोनों को एक तक़लीफ़ ने जरूर जोड़ा..मंटो ने अपने बेटे को जल्द ही खो दिया था..उसके बाद तीन बेटियां हुईं..लेकिन मंटो बेटे के ग़म से कभी नहीं उबर पाया..और मैं...छोड़िये..
2/11/19