मंगलवार, 24 मार्च 2020

आतंकी हमले के तुरंत बाद की एक बड़ी घटना-
आरबीआई ने केंद्र सरकार को 28,000 करोड़ रु देना स्वीकार किया।
ध्यान रहे कि उर्जित पटेल जैसे भक्त ने भी इस काम को करने की हिम्मत नहीं की थी। यह आर्थिक महालूट इस देश पर आतंकवाद से ज़्यादा बड़ी चोट है जिसके ज़ख्म वर्तमान हलचल में नहीं दिखाई पड़ेंगे, क्योंकि मोदी जी ने सेना को खुली छूट दे दी है। अपना देश अभी युद्ध के उन्माद में सिहर रहा है।
भला जिस प्रधानमंत्री ने सेना को खुली छूट दे दी हो और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का संकल्प ले लिया हो, उससे मात्र 28,000 करोड़ रुपये का हिसाब मांगना देशद्रोह नहीं तो और क्या है?
अभी तो इस सरकार की किसी भी नीति या कार्य प्रणाली पर सवाल उठाना सबसे बड़ा अपराध है।
यह इस तरह के हेर-फेर के लिए सर्वाधिक उपयुक्त समय है।
मित्रो, बेहतर यही होगा कि हम सब भी चुप रहें या युद्ध की कल्पना करके रोमांचित हों। मीडिया में ख़बर चल रही है कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान को खत्म करने के लिए "टॉप सीक्रेट प्लान" बना लिया है!!
2/18/19