आजतक में...
इस न्यूज चैनल की डिबेट में अंजना ओम कश्यप ने संबित पात्रा से पूछा - "क्या आप ने यह मशहूर भोजपुरी गाना सुना है ?
"कौन सा गाना ?" - संबित पात्रा ने भौंहें मटकाईं।
"जब लगावेलु तू लपिस्टिक, हिलेला आरा डिस्टिक, जिल्हा टॉप लागेलू ....और हाँ भौहें मत मटकाइये..यह हमारा काम है..
"हाँ, खूब सुना है।..
"अच्छा तो पात्रा जी, उक्त पद्यांश की आप व्याख्या कर इस गाने का महत्व बता सकते हैं -
"क्यों नहीं ! किसी भी विषय पर बोलने के लिए ही न मुझे पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया है।"
"मूल विषय पर आइये। व्याख्या कीजिये...
"देखिए अंजना जी, उक्त पद्यांश हमारे समाज में व्याप्त ..
"समय कम है पात्रा जी। अपनी बात तीन मिनट में कहिए।"
"आप टोकियेगा तो कैसे बोलूंगा। हाँ तो मैं कह रहा था कि प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने नायिका के अनुपम सौंदर्य का घनघोर वर्णन किया है और उसके कृत्रिम सौंदर्य की तुलना स्थान विशेष पर आने वाले भूकम्प से की है।"
"भूकम्प !" - अंजना चौंकी..
"हाँ भूकम्प, हिलेला आरा डिस्टिक वही न है। पूरी बात सुनिए। इस पद्यांश में नायक अपनी प्रेयसी के रूप को देख अत्यंत हर्ष का अनुभव कर रहा है और उस प्रसन्नता में नायिका के श्रृंगार की तुलना रिक्टर पैमाने पर उसे प्रमाणित करने को अति आतुर प्रतीत होता दीखता है। नायक अपनी नायिका का सौंदर्य देख भाव-विह्वल हो कर प्रख्यापित करता है कि हे लॉलीपॉप रुपी जिले की सबसे उच्च सुंदरी ! जब भी तुम अपने अधरों पर कृत्रिम रंगों का लेपन करती हो तब तुम्हारे मुख की कांति देखने लायक होती है और तुम्हारे रूप के इस समग्र भार से आरा जिले के समस्त निवासियों के हृदय में एक भूचाल सा आ जाता है।
लपिस्टिक और डिस्टिक जैसे हिंग्लिश शब्दों से भाषा का प्रवाह अतुलनीय होता नजर आता है। अंजना जी, दूसरी बात कि इसमें श्रृंगार रस का समावेश है। जिससे संयोग श्रृंगार विशिष्ट रूप से दृष्टिगोचर होता है। पद्यांश में लपिस्टिक-डिस्टिक जैसे शब्द अन्त्यानुप्रास अलंकार को दर्शाता हैं और अधरों पर लेपित कृत्रिम रंग का भार और उससे आने वाला भूचाल अतिशयोक्ति अलंकार है। जिल्हा-टॉप में तत्पुरुष समास .... !!!
लपिस्टिक और डिस्टिक जैसे हिंग्लिश शब्दों से भाषा का प्रवाह अतुलनीय होता नजर आता है। अंजना जी, दूसरी बात कि इसमें श्रृंगार रस का समावेश है। जिससे संयोग श्रृंगार विशिष्ट रूप से दृष्टिगोचर होता है। पद्यांश में लपिस्टिक-डिस्टिक जैसे शब्द अन्त्यानुप्रास अलंकार को दर्शाता हैं और अधरों पर लेपित कृत्रिम रंग का भार और उससे आने वाला भूचाल अतिशयोक्ति अलंकार है। जिल्हा-टॉप में तत्पुरुष समास .... !!!
बस बस पात्रा जी..बहुत बहुत बधाई आपको संबित पात्रा जी। आप हमारे स्टूडियो में आएं और आप की पार्टी मंच पर भीड़ जुटाने के लिए जो करती हैं उसे जनता को बताने के लिए आप का शुक्रिया।"
"बधाई आप को भी, जो मुझे ऐसे गूढ़ विषय पर बोलने का मौका दिया और मेरे बोलते समय विरोधियों का माइक ऑफ रखा। इसके लिए आप का भी शुक्रिया।
3/12/19