गुरुवार, 26 मार्च 2020

G#& बोले तो..

रायबरेली के महात्मागांधी इंटर कॉलेज की छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के वो दिन आज कल उनका भाषण सुन कर बहुत याद आ रहे हैं..

उन छप्पर वाले क्लासरूमों में मास्टर जी के विदा होते ही दबंगों की आवाज़ें कुछ इस अंदाज़ में निकलतीं---स्साल्ले, G#&, देख लूँगा.तू मुझे नहीं जानता..जिस मुहल्ले का हूँ न, वो पूरे रायबरेली में हरामियों का मुहल्ला कहलाता है..और फिर हाथ की मुट्ठी बांध कर सामने की तरफ लहराते..आजकल ऊपर कर के ताना जाता है..

उससे पहके वैदिक बालविद्या मंदिर में पांचवी तक....लड़कियां बहिन तो लड़के भैया..और खुद मालिक भैया जी भी और प्रिंसिपल भी..बीवी के जल मरते ही दूसरी शादी करने में देर नहीं की..

उस स्कूल में लड़कियां पूरी तरह सुरक्षित थीं..बस्स.. लड़कों के गाल ज़रूर नोचे जाते थे..कुछ ही दिन में उस बाली उमरिया ने पता लगा लिया कि भैया जी शुद्ध संघी हैं...
12/8/18