मंगलवार, 21 दिसंबर 2010

चचरी पुल : द लक्ष्मण झूलाज़ ऑन ब्लू लगून

राजीव मित्तल

यह आने वाली किसी फिल्म का शीर्षक नहीं है ## आगे चलें >>>>>> दीवार फिल्म का कालजयी डायलॉग*****मेरे पास ये है मेरे पास वो है, तुम्हारे पास क्या है (: (: अगले को चित कर देने वाला जवाब.....भाई-ई-ई, मेरे पास मां-आं-आं है। अपने बिहार के पास भी मां जैसा ही ममतालू चचरी पुल है। सुधिजन बताते हैं कि उत्तरांचल का लक्ष्मण पुल झूले की तरह हिलता है, लेकिन तबियत से बिंदास ...... चचरी पुल.... पेंगे मारता~~~~~~~ है।

कई गजट छान मारे, पर चचरी पुल का इतिहास पता नहीं चल पाया। एकाध जगह अंग्रेज अफसर सिर पर हाथ धरे नजर आये कि यह बला क्या है****** नतीजा यही निकाला कि अमृत वाणी <<<>>>जैसी कोई चीज है, जो अपने आप इस धरती पर उतर आयी।

हर साल सावन-भादो में नेपाल का पानी उत्तर बिहार के हजारों गांवों में आ जाता है। आश्विन खत्म होते-होते पानी का जमावड़ा कार्तिक में ब्लू लगून की शक्ल अख्तियार कर लेता है। गांव का कुछ भी आधा इधर <<<<< और आधा उधर>>>>> बीच में ~~~~~~~हिलकोरे मारता पानी। हर बारिश में लोकेशन बदलती भी रहती है। औसतन सौ मीटर के इस आर-पार को लांघने के लिये ही होता है यह चचरी पुल। बिना सरकारी निविदा निकाले का कुटीर उद्योग। बांस के टुकड़ों से बने इस पुल की चौड़ाई तीन फुट और यही पुल पूरे गांव को जड़ होने से बचाता है। वन-वे वाले इस पुल पर एक बार में
एक भैंस या एक गाय^
एक मोटसाइकिल^
तीन-तीन साल के तीन बच्चे " " " लेकिन कतार में_______
कंधे पर कुदाल लादे एक मजदूर (&)
हल का फाल लिये एक किसान(% )
सिर पर घड़ा रखे एक पनिहारन(@)
और साइकिल पर बकसिया धरे एक निजी प्रैक्टिशनर($)
आराम से गुजर सकता है।
थोड़ी यौगिक क्रिया से दम साधना और पैरों में संतुलन बनाये रखना समय की मांग है।

एडवेंचर प्रिय केले के थम्ब पर लेट कर तैरते हुए अपने दैनिक क्रिया-कलाप में मशगूल रहते हैं। गांव में अगर कालाजार (:) एड्स (:) पोलियो (:) गन थामे माओवादी!!!!!!! या इसी तरह की किसी प्राकृतिक आपदा का जोर न हो तो चचरी पुल माहौल को रोमांटिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता।

यह पुल पांच हजार से एक लाख तक की आबादी को बाकी दुनिया से;;;
घर को खेतों से;;;
मायके को ससुराल से;;;
दुकानदार को बाजार से;;;
खरीदार को दुकान से;;;
बच्चों को मास्टर से;;;
मास्टर को स्कूल से;;;
बीमार को अस्पताल से;;;
क्वैक को रोगी से;;;
शवों को श्मशान से;;;
गाय को घास से ;;;
इमारती को हलवाई से ;;;
कौए को इमारती से ;;;
+++ जोड़ने का काम करता है।

उम्र के और-और तकाजों में भी इसकी खासी दखल है। रही बाढ़ के दिनों की /// तो चचरी पुल पर चलने वाला कैसा भी जीव नीचे फुंफकार मारते पानी को देख गीता सार के उन दस उपदेशों को गुनगुनाना नहीं भूलता कि
तू कौन है????---------- तू क्या लेकर आया है????-------- क्या लेकर जाएगा????------ शरीर नश्वर है आत्मा जीव है~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

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