रविवार, 26 दिसंबर 2010

नेता बने होते तो ये हाल न होता

राजीव मित्तल
गली के कुत्तों से किसी तरह बच घर आकर सीधे बिस्तर पर गिरा। कल बहुत काम करना है। टीम के लोगों को कई ट्रेनें पकड़ानी हैं। बिस्कुट, लड्डू और आटे की पंजीरी वगैरह का इंतजाम करना है और उनमें मिलाने के लिये उस नशीली दवा का भी जो धनवर्षा लाटरी का काम दे रही है। बगल में खोल के रखी अटैची से सूट की महक उठ रही थी, सोने का हार चमक मार रहा था। लगता मर्द का है। एक बार तो गले में डालने की इच्छा भी हुई, फिर सोचा कि सुबह नहा-धोकर गाय के दूध में भिगो कर पत्नी के हाथ से पहना जाएगा और उसकी अंगुली में होगी मोती जड़ी अंगूठी। हे भगवान यह सीजन तुम्हारे नाम पर। यह सब सोचते-सोचते पता नहीं कब नींद आ ही गयी। दरवाजे पर भड़भड़ सुन पत्नी अचकचा कर उठी। दरवाजे की सिटकनी पर हाथ धरा तो सुनायी दिया-अबे उठता है कि नहीं या दरवाजा तोड़ दें। और दरवाजे पर जोरदार प्रहार हुआ। देवी जी ने भन्ना कर दरवाजा खोेला। देखा दरोगा जी के साथ दो-तीन सिपाही खड़े हैं। तुरंत सिपाहियों पर कड़के-जाओ, उस मरदूद को घसीट कर ले आओ। सिपाहियों ने आव देखा ताव और पिल पडे¸ कमरे में। सोते श्रीमान जी की कमर पे दो लात झाड़ीं। ओह, चोरी की अटैची बगल में रख के सोया हुआ है कम्बख्त। चल बे, ससुराल चल। बहुत परेशान करने के बाद हाथ लगा है। पत्नी तब तक सारा माजरा समझ चुकी थी। उसने परमरम्परागत तरीके से सुर निकालना चाहा तो पतिदेव कांखे-चोप्प, सारे मोहल्ले को जगाना है क्या? सिपाही उसे हथकड़ी वगैरह लगा कर मार्च की तैयारी कर चुके थे कि पत्नी चार कप चाय ले आयी। यह देख दरोगा जी ने दहाड़ मारनी चाही, फिर चुप लगा कर चाय सुड़कने लगे। चाय खत्म होते-होते पत्नी ने अपने स्वामी के सिर पर कपड़ा डाल दिया और बोली-उजारा हो चुका है, लोग देखेंगे अच्छा नहीं लगेगा, अच्छी तरह मुंह ढांप लो। दरोगा जी ने सिपाहियों की तरफ देखा और सिपाही उसे बाहर की ओर घसीट कर चल पडे¸। पत्नी की आंखों में आंसू भर आए-कल कितनी देर रात आए थे। ठीक से आराम भी नहीं कर पाए। कब से कह रही हूं कि किसी पार्टी में शामिल हो जाओ। धंधा भी चलता है और हनक भी रहती है। आज कहीं नेता होते तो इस बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे होते। यही दरोगा जी बाहर बैठ कर तुम्हारे सो के उठने का इंतजार करते। बाहर पार्टी कार्यकर्ता नारे लगा रहे होते। अच्छा, इस बार तो जेल काट आओ, अगली बार शिव जी ने चाहा तो उन लोगों की तरह तुम भी जेल की कोठरी में नहीं किसी नर्सिंगहोम में ठाठ करोगे।

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