मंगलवार, 21 दिसंबर 2010

खतरा और रेड अलर्ट

राजीव मित्तल
वह प्रमंडल के एक बड़े अफसर हैं पुलिस के। जबसे ज्वायन किये हैं तब से प्रथम पुरुष बन 171 बार खतरे का ऐलान कर चुके हैं। तृतीय पुरुष है नक्सलवादी या माओवादी। इन दोनों से कोई परेशानी नहीं, दिक्कत द्वितीय पुरुष को लेकर है क्योंकि खतरा इसी को है। द्वितीय पुरुष कोई भी, कुछ भी और कहीं भी हो सकता है। प्रथम पुरुष के मुताबिक जिन पर खतरा मंडरा रहा है वह कोई भी पुलिस चौकी, कोई भी फीते वाली पुलिस की वर्दी, गन्ने का खेत, ब्रहमपुरा पोखर, तिनसुकिया बाजार, ऐश्वर्या राय, ऐश्वर्य-उज्जैनी की जोड़ी, 1857 की बंदूकों वाला शस्μाागार और कैसा भी भूखंड। उसमें प्रखंड, जिला, शहर और नेपाल से लगती सीमा शामिल है। खतरा मंडराने का ऐलान एपिसोड के अंदाज में किया जाता है। आज के शुक्रवार को थल पर, अगले शुक्रवार को नभ और उससे अगले जुमा को जल में तैर रही बतख पर। उसके बाद फिर वही थल, नभ और जल। पाताल तक मामला अभी नहीं पहुंचा है। किसी ऐसे ही दिन मौका निकाल कर पूछ लिया, सर इसका निदान क्या है? रेड अलर्ट। जवाब जैसे सवाल से पहले ही जन्म ले चुका था। सर, रेड अलर्ट कैसे होता है?
एक कागज पर तीन तरह की स्याही से लिखा जाता है यह और उसके बाद इसे लिफाफे में डाल मुहर ठोक कर किसी हरकारे के हाथ संबंधित क्षेμा में रवाना कर दिया जाता है। फिर मेरा जनसंपर्क अधिकारी मीडिया के अपने खास लोगों को फोन कर किसी होटल में बुलवा लेता है ताकि हम उन्हें बता दें कि हमने रेड अलर्ट कर दिया है, अब चिन्ता की कोई बात नहीं। पर सर, खतरा तो अपनी जगह कायम ही है न! हां, इसीलिये रेड अलर्ट हमारे खुद के लिये एहतिआती और नक्सलियों के लिये चेताने वाला कदम है। और अगर यह बेअसर कर जाए तो?
हमारा अनुभव है कि यह बेअसर तभी होता है जब वे इसे सीरियसली न लें, ऐसी हालत में हमारे पास यही उपाय बचता है कि सीमा सील कर दी जाए ताकि चिड़िया भी पर न मार सके। सर, सीमा सील करने का क्या तरीका है? कुछ नहीं, बच्चों की किताबों की दुकान से उस जिले या इलाके का नक्शा मंगा कर उसके नीचे दस्तखत कर, लिफाफे में डाल वहां भिजवा दिया जाता है। यह कदम बड़ा कारगर साबित होता है। इसके लिये हम मीडिया के खासतौर पर शुक्रगुजार हैं, क्योंकि नक्सलियों को हमारे इस कदम की जानकारी उन्हीं से मिलती है और वे तब तक कोई हमला या लूटपाट की हिम्मत नहीं करते जब तक कि सीमा खुल न जाए। सर, सीमा कैसे....? इसके बारे में अगले जुमे पर।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें