सोमवार, 6 दिसंबर 2010

झमपा, टिपकापा और तकादापा

राजीव मित्तल
बेटा गरुड, तकादापा तो समझा, यह झमपा और टिपकापा क्या बला हैं? काक जी, ये कुछ ऐसे नाम हैं, जिनके बारे सिर्फ ऊपर वाला जानता है कहिये तो इन बलाओं के दर्शन कराऊं? काक भुशुण्डि ने कान खुजाते हुए कहा- कोई बेवकूफी मत करना वरना॥। काक जी, चुनाव के मौसम में और क्या उम्मीद करते हैं, अच्छा चलिये आपको ट्रेलर ही दिखा देता हूं--देखिये--सर जी, तीन-चार लोगों के साथ वह गेट पर खड़े हैं। अरे, तो मैं क्या करूं, गार्ड से कह दो भगा देगा। नहीं सर, वह आम जनता के आदमी नहीं हैं, किसी पार्टी के लग रहे हैं। सबके हाथ में सूरजमुखी के फूलों की माला है और सब एक साथ नारा लगा रहे हैं- हमारा नेता फलाने-- जैसा हो। फलाने कौन? सर, यानी आप जैसा हो। उनसे यह तो पूछो कि चाहते क्या हैं---तभी भागते हुए एक और साहब हांफते हुए अंदर आए और बोले-ताऊ जी, वे तीनों झमपा, टिपकापा और तकादा पार्टी के अध्यक्ष हैं, आपकी पार्टी में शामिल होना चाह रहे हैं। घड़ी देख कर बोले हैं कि पांच मिनट में बुलावा नहीं आया तो सामने वाले के यहां चले जाएंगे। तो नासपीटे, मेरा मुंह क्या देख रहा है जा जल्दी बुला कर ला और अंदर ताई जी को बोल दे कि साड़ी बदल कर चाय और नमकीन ले आएं। उन्होंने अपनी धोती ठीक की और सोफे पर अखबार लेकर बैठ गए। तब तक वे सब दरवाजे पर आ चुके थे। जब तक संभल पाते उनके गले में चार मालाएं लटक कर झूलने लगीं। जयहिंद सर। आइये-आइये बैठिये। हां बताइये, कैसे तकलीफ की? बात यह है कि हमें अपने-अपने दलों की नीतियां जनविरोधी लग रही हैं इसलिये हम आपकी पार्टी में शामिल होकर आपके हाथ मजबूत करना चाहते हैं। बस हम यह चाहते हैं कि आप हमारी इज्जत पर कोई आंच न आने दें। लेकिन आप ही तो अध्यक्ष हैं, फिर क्या परेशानी है? कुछ नहीं, बस हम अपनी छवि सुधारना चाह रहे हैं और इस काम के लिये आप हमें सबसे सही लगे। हम चाहते हैं कि आप हम तीनों दलों के 15 लोगों को टिकट दें और सरकार बनने पर मुझे गृहमंμाी, इन्हें गृहराज्यमंμाी और इन्हें गृहउपमंμाी का पद दें। और ये जो चौथे हैं इम्हें किसी निगम का अध्यक्ष बनवा दें। वैसे आपकी पार्टी के कितने विधायक हैं? सवाल का जवाब मिलने से पहले ही सामने वाले के यहां से जोर-जोर की आवाजें आने लगीं-आप कौन होते हैं जी, मेरी पार्टी के आदमी को मुख्यमंμाी बनाने वाले? आप नाराज क्यों हो रहे हैं? बनाया कहां है, अभी तो बना कर पेश किया है। मुख्यमंμाी का नाम लिये बगैर मैदान में कैसे उतरते मैदान में, देख नहीं रहे वो बॉलीवुडी रोज जान खा रहा था कि लोकसभा में तो अटल जी को प्रधानमंμाी बना कर पेश किया और अब बिहार में मुख्यमंμाी के नाम से बिदक रहे हैं। यह चिल्लपों सुन इधर के घर में बैठे तीनों पार्टी अध्यक्ष एक स्वर में बोल पड़े, सर आप पूरा मंत्रीमंडल ही घोषित कर दें। तभी एसएसपी के साथ कई पुलिस अफसरों का अमला अंदर घुसा और उन्होंने उन तीनों की तरफ इशारा कर कहा-गिरफ्तार कर लो इन्हें, तीनों यूपी की जेल से भागे हुए हैं।

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